क्या था मैं,
क्या समझा गया
जो खोजी धरा पांवो तले
कुछ ना मिला,
ये जीवन जले
जो खोजा खुदी को,
उन साँसों तले,
साया भी गया,
तुम भी ना मिले
जो खोजा तुम्हे ऐ दोस्त मेरे
खोया कुछ ऐसा के,
मन ये भटका फिरे
जो सोचा के फिर से चलें
उन राहों पे,
जहाँ वो मेरा दोस्त फिर से मिले
अचानक ये क्या हुआ
क्या था मैं,
क्या समझा गया
जो खोजी धरा पांवो तले
कुछ ना मिला,
ये जीवन जले
November 1, 2010
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