कहीं कुछ टूटा
रूह पे ना जाने क्या बीता
कुछ कह नहीं पाया, सुनता ही रहा
देखता ही रहा, रोकना भी चाहा
तुम जो गए, बहुत कुछ ले गए
जीने से ना जाने क्या छूटा
दिल अभी भी भागता हैं, बिना कहे
फिर से उन राहों पर, जो कहीं खो गयीं
एक तलाश जो ना जाने क्या ढूंढती है
तुम जो गए, बहुत कुछ ले गए
जीना कुछ और ही होता जो तुम होते
सुकून है पर कुछ तो रह गया
जीने के लिए यादें तो हैं तुम्हारी
और वो रास्ता जो फिर से मिला है
एक सम्बल मिलता है इससे
कहता है, वो दुनिया यहीं है
जीवन को अपने अंदाज़ में जीना
रुकना मत, चलते जाना, कोशिश करना
खुद में खोकर, खुद को पाने की